Tuesday, June 29, 2010

यूनियन कार्बाइड कचरा निपटाने का दावा करने वाली फैक्ट्री में दुघर्टना


सात मजदूर बीमार
-राज्य सरकार ने 350 टन कचरा नष्ट करने की बनाई योजना

पहले भी इसी फैक्ट्री में नष्ट किया गया है 34 टन यूनियन कार्बाइड का कचरा
इंदौर, एजेंसी


मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर के पास स्थित पीथमपुर के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में एक औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई में हादसे से सात मजदूरों के बीमार पडऩे के बाद गैर सरकारी संगठनों ने वहां यूनियन कार्बाइड फैक्टरी का जहरीला कचरा नष्ट करने की योजना का विरोध तेज कर दिया है।
हालांकि इस इकाई को चलाने वाली कंपनी रामकी इंवायरो इंजीनियर्स ने दावा किया है कि वह विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी के लिए बदनाम फैक्टरी के जहरीले कचरे के सुरक्षित निपटारे में न केवल सक्षम है, बल्कि इस काम में विशेषज्ञता रखती है। इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर विशेष आर्थिक जोन (सेज) पीथमपुर में मध्यप्रदेश अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना की इकाई में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के करीब 350 टन जहरीले कचरे को जलाया जाना प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित है। भोपाल गैस कांड पर केंद्र सरकार के गठित मंत्रिमंडलीय समूह ने भी अपनी अनशुंसा में इस प्रस्तावित कदम को एक तरह से हरी झंडी दे दी है।
हैदराबाद स्थित रामकी इंवायरो इंजीनियर्स के निदेशक केएसएम राव ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा, 'यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा कब जलाया जाएगा, इस बारे में अंतिम फैसला प्रदेश सरकार को करना है। लेकिन हम पीथमपुर स्थित औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई की भट्ठी में इस कचरे को जलाकर नष्ट करने की पूरी क्षमता और विशेषज्ञता रखते हैं।Ó हालांकि हालिया दुर्घटना ने एक और भोपाल गैस कांड की आशंका को और बल दे दिया है।
कुछ गैर सरकारी संगठनों ने आरोप लगाया है क इस भट्ठी में अभी वे सुविधाएं नहीं हैं, जो इस घातक कचरे के निपटारे के वक्त इंसानी आबादी और आबोहवा की हिफाजत पक्की करने को जरूरी हैं।
राव ने बताया कि पीथमपुर स्थित औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई में कोई दो साल पहले यूनियन कार्बाइड फैक्टरी का करीब 34 टन कचरा दफनाया गया था।
इस इकाई से करीब 500 मीटर के फासले पर तारपुरा नाम का गांव बसा है। गांववालों की शिकायत है कि औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई में यूनियन कार्बाइड का कचरा दफनाए जाने के बाद आसपास के इलाके में भूमिगत जल प्रदूषित हो गया है।
इस बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अब तक हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे यह पुष्टि होती हो कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा दफनाए जाने से वहां भूमिगत जल प्रदूषित हुआ हो।
गांव के इतने पास औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई के संचालन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए जगह का चयन प्रदेश सरकार ने किया था।
सूचना के अनुसार 25 जून को इकाई में 7 मजदूरों की तबियत बिगड़ गई थी। लेकिन कंपनी ने दावा किया है कि गर्मी व उमस भरे मौसम में ऑटोमोबाइल फैक्टरी से निकले गंदे व गाढ़े तरल पदार्थ और दूसरे औद्योगिक अपशिष्ट में मौजूद थिनर के संपर्क में आने पर बिगड़ी थी।
गैर सरकारी संगठन लोक मैत्री के डॉ. भरत छापरवाल ने कहा, 'पर्यावरण और मानवीय आबादी के सुरक्षा उपायों की अनदेेखी करते हुए पीथमपुर स्थित भट्ठी में यूनियन कार्बाइड के घातक अपशिष्ट को जलाने की दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश हो रही है। इसके विरोध में हम अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं।Ó
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में पीथमपुर स्थित भट्ठी में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाया गया तो यह जन स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ होगा, क्योंकि वहां इस घातक कचरे के सुरक्षित निपटारे के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं।

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