Monday, June 28, 2010

यूनियन कार्यालय में लगे ताले खोलने का एयर इंडिया प्रबंधन को निर्देश

एयर इंडिया प्रबंधन की तानाशाही को तमाचा

अदालत ने एयर इंडिया प्रबंधन से मांगा स्पष्टीकरण

नई दिल्ली, 28 जून
श्रमिक हड़ताल को तोड़ने के लिए असंवैधानिक रूप से और तानाशाही रुख अख्तियार करते हुए एक महीने पहले जब एयर इंडिया प्रबंधन ने दो कर्मचारी यूनियनों के कार्यालयों को ताबड़तोड़ सील कर दिया था उसे उम्मीद थी कि जिस हाईकोर्ट ने उसे हड़ताल पर स्टे दिया था, कार्यालय सील करने की करतूत को सही ठहरा देगा। लेकिन तानाशाह और नकारा प्रबंधन को मुंह की खानी पड़ी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एयर इंडिया को निर्देश दिया कि कर्मचारी यूनियन के कार्यालयों में लगे ताले खोल दिए जाएं।
कर्मचारियों ने करीब एक महीना पहले हड़ताल की थी और उसी दौरान यूनियन के कार्यालयों में ताले जड़ दिए गए थे।
हड़ताल पर जाने की वजह से यूनियन की मान्यता समाप्त करने के फैसले पर अदालत ने सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी से स्पष्टीकरण भी मांगा है। न्यायमूर्ति एम सी गर्ग की अगुवाई वाली अवकाश पीठ ने प्रबंधन से सात जुलाई तक जवाब देेने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।
एयर एंडिया ने 27 मई को हड़ताल पर जाने के कारण 58 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था और उनके संघ एयर कार्पोरेशन एम्पलाईज यूनियन की मान्यता रद्द कर दी थी। इस कार्वाई के खिलाफ देशभऱ में एयर इंडिया प्रबंधन की आलोचना हुई थी।

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