Saturday, July 3, 2010

यह दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला है भाई- काम सरकारी पर वेतन भत्ते ठेके वाले

केन्द्रीय भंडार में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी नहीं

नई दिल्ली, 2 जुलाई
अपने जन विरोधी फरमानों के लिए कुख्यात दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को निर्णय सुनाया कि केन्द्रीय भंडार में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया की हड़ताल को गैरकानूनी करार देने वाला फैसला भी इसी अदालत ने रातों रात दे दिया था। जबकि बांबे हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश देने से भी इनकार कर दिया था।
जज राजीव सहाय एण्डलॉ ने केन्द्रीय भंडार कर्मचारी संघ की उस दलील को ठुकरा दिया जिसमें कहा गया था कि उसके सदस्य सरकारी अधिकारियों के लिए काम करते हैं इसलिए उन्हें भी सरकारी कर्मचारी माना जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि सरकारी अधिकारियों के लिए काम करना सरकार के लिए काम करने से अलग है। कर्मचारी संगठन ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी कि उसके सदस्यों को भी सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन मान भत्ता और अन्य सुविधाएं दी जाए।
अदालत ने कहा कि केन्द्रीय भंडार की स्थापना की पहल सरकार ने की केवल इसलिए उन्हें सरकारी कर्मचारी नहीं कहा जा सकता। उसने कर्मचारी संघ की यह दलील भी ठुकरा दी कि उसके कर्मचारियों को डिपार्टमेंटल कैन्टीन के कर्मचारियों की तरह माना जाय। उसने कहा कि केन्द्रीय भंडार के स्टोर डिपार्टमेंटल कैन्टीन से अलग हैं जिन्हें डिपार्टमेंट के परिसर में चलाया जाता है और जिसका लाभ डिपार्टमेंट के कर्मचारी के अलावा कोई अन्य नहीं ले सकता।

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