Saturday, July 31, 2010

बांग्लादेशी कपड़ा कामगारों की लड़ाई अब अगले दौर में

मजदूरी 5000 टका करने के लिए उग्र प्रदर्शन
ढाका 31 जुलाई

मजदूरी बढ़ाने की सरकारी पेशकश को खारिज करते हुए बांग्लादेशी कपडा मिलों के हजारों कामगारों ने उग्र प्रदर्शन किया। उन्होंने कारखानों को निशाना बनाया और राजमार्गों पर बैरीकेड खड़ा कर दिया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने नए मजदूरी ढांचे का विरोध करते हुए सड़कों पर रैलियां निकाली। कम पारिश्रमिक एवं कमजोर शर्तों के विरोध में कर्मचारियों द्वारा महीनों प्रदर्शन किए जाने के बाद एक दिन पहले सरकार ने नए वेतन ढांचे में 80 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। लेकिन कामगारों की मांग 5000 टका किए जाने की थी। नई तनख्वाह 1 नवंबर से लागू की जाएगी। कुछ बड़े यूनियनों ने सरकार की इस वेतन वृद्धि को मानने की बात कही है वहीं कई यूनियनों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने प्रमुख सड़कों एवं राजमार्गों के रास्ते बंद कर दिए, वाहनों को नुकसान पहुंचाया और कई कपड़ा इकाइयों में तोडफ़ोड़ की। कर्मचारी 5,000 टका मजदूरी तय किए जाने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने कल 3,000 टका मजदूरी की घोषणा की। अभी तक इन कामगारों को 1600 टका पर 12 12 घंटे काम करना पड़ता है।
हालांकि ढाका के पुलिस प्रमुख एकेएम शाहिदुल हक ने धमकी दी है कि 'हम उन्हें ऐसा करने नहीं देंगे.. हमारे पास कड़ा रुख अख्तियार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। सरकार ने सड़कों पर अपराधरोधी त्वरित कार्य बटालियन की टुकडिय़ां और पुलिस को तैनात कर दिय है।
पुलिस निरीक्षक अब्दुल कैद्दुल ने यहां बताया कि करीब 5000 श्रमिकों ने शहर के मुख्य तेजगांव लिंक रोड को जाम कर दिया और समीप के दर्जनों कपड़ा फैक्ट्रियों पर हमला किया। मंगलवार को सरकार ने कहा था कि वह कपड़ा श्रमिकों की तनख्वाह 1662 टका से बढ़ाकर 3000 टका कर देगी। हालांकि कुछ श्रमिक संघों ने इसे बढ़ाकर 5000 टका करने की मांग की थी।
श्रमिकों ने सबसे ज्यादा गुस्सा गुलशन इलाके में उतारा जहां कई दूतावास एवं विदेशी सहायता संगठनों के कार्यालय हैं।
गुलशन के पुलिस प्रमुख नुरल आलम ने कहा, 'वे फैक्ट्रियों में तोडफ़ोड़ कर रहे थे, कारों को जला रहे थे और सड़कों को जाम कर रहे थे।Ó

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