भारत में सुजुकी कारपोरेशन की स्वामित्व वाली गुडग़ांव स्थित तीनों कंपनियों की पांच फैक्टरियों में से चार में हड़ताल आज, 10 अक्टूबर, 2011 को भी जारी रही और उनमें उत्पादन पूरी तरह ठप रहा। इन चारों फैक्टरियों में मजदूर पूर्ववत् फैक्टरी के अंदर धरने पर बैठे रहे। हालांकि सुजुकी प्रबंधन द्वारा मजदूरों के हिंसा में लिप्त होने और कुछ मजदूरों को हड़ताल से ''मुक्त'' करवाने की झूठी खबरों को फैलाया जा रहा है, इसका मजदूरों पर मनोबल और एकता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
मारुति सुजुकी इण्डिया लि. के प्रबंधन द्वारा पिछले 30 सितम्बर की मध्य रात्रि को हुए समझौते के उल्लंघन करने, मजदूरों का उत्पीडऩ जारी रखने और उन्हें सबक सिखाने की कोशिश के विरोध में आरम्भ हुई इस हड़ताल नें अलग-अलग फैक्टरियों तथा स्थायी और अलग-अलग किस्म के अस्थायी मजदूरों के बीच ऐसी एकता को जन्म दिया और मजबूत किया है जो इस इलाके के मजदूर आंदोलन के इतिहास में अभूतपूर्व है। सुजुकी प्रबंधन मजदूरों की इस एकता को ही तोडऩे की हर सम्भव कोशिश कर रहा है। कल, यानी 9 अक्टूबर को, सुजुकी मोटरसाइकिल इण्डिया प्रा., लि. परिसर में ठेकेदार तिरुपति एसोसिएट से जुड़े हुए गुण्डों द्वारा मजदूरों पर हमला करने की उकसावे की कार्रवाई उसके इसी कोशिश का हिस्सा है। वे यह प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह मजदूरों की इस जायज हड़ताल को एक ''कानून व्यवस्था'' का मुद्दा बनाकर प्रशासन की दखलंदाजी को आमंत्रित किया जाए। लेकिन कल सुजुकी मोटरसाइकिल में उनकी यह कोशिश नाकाम साबित हुई है। मजदूरों के प्रतिनिधि द्वारा लगातार कोशिश करने के बाद आखिरकार पुलिस को एफआइआर दर्ज करने और दो अपराधियों को गिरफ्तार करने को मजबूर होना पड़ा है। हालांकि इस मामले में शुरू में हरियाणा पुलिस का रवैया भी हीला-हवाली का था। लेकिन ठेकेदार के गुण्डों द्वारा की गई कार्रवाई इतनी स्पष्ट तौर पर उकसावे भरी थी कि पुलिस को आखिरकार कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा। और मीडिया के अधिकतर हिस्से ने भी घटनाक्रम के उसी रूप को ही प्रकाशित करना पड़ा, जो सही था।
मारुति सुजुकी के मजदूरों की लड़ाई अब ऐसी जगह पर पहुंच गई है जहा पीछे हटने की कोई गुंजाइश नहीं है और सामने जो कुछ है वह आर पार की लड़ाई है। इस लड़ाई में सुजुकी की तीन अन्य फैक्टरियों के मजदूरों ने भी अपने रोजी रोटी और भविष्य को दांव पर लगा दिया है। मजदूरों के बीच भाइचारे का इससे अच्छा उदाहरण मिलना सम्भव नहीं है। ऐसे में वे सभी लोग जो मजदूरों के युगांतरकारी शक्ति और एकता पर विश्वास करते हैं, यह कर्तव्य बन जाता है कि इस लड़ाई को सफलता के मुकाम तक पहुंचाने में अपनी पूरी ताकत लगा दें। क्योंकि, जैसा कि, हमने पहले भी कहा है, यह एक ऐसी लड़ाई है जिसपर सिर्फ मारुति सुजुकी या फिर सुजुकी कारपोरेशन के मजदूरों के भविष्य का फैसला नहीं होने वाला है बल्कि इस पूरे इलाके में मजदूर आंदोलन के भविष्य की दशा दिशा भी तय होने वाली है। पूंजी के एकतरफा हमलावर रवैये के वर्तमान दौर में गुडग़ांव के मजदूरों ने जिस एकता और संयम का प्रदर्शन किया है वह निश्चित तौर पर वह सराहनीय है। और उनके इस संघर्ष को चौतरफा सहयोग और समर्थन दिया जना चाहिए।
हम एक बार फिर सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, छात्रों, युवाओं, नागरिकों और समाज के विभिन्न तबके के लोगों को मजदूरों के इस संघर्ष का समर्थन करने और उन्हें हर तरह का सहयोग प्रदान करने की अपील करते हैं।
मारुति-सुजुकी के संघर्षरत साथियों को कोई भी आर्थिक सहयोग 'मारुति सुजुकी एम्प्लाइज यूनियन' के द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे निम्न खाते में भेजें :
Account no. 002101566629
IFSC code: ICIC0000021
SHIV KUMAR
ICICI Bank,
Branch- Gurgaon, Sector-14, Haryana, India.
(हम आपसे इस सन्देश को अधिक से अधिक मित्रों-परिचितों तक अग्रसारित करने का भी अनुरोध करते है