Thursday, May 20, 2010

रायगढ में औद्योगिक हादसे में एक की मौत

(यह खबर चार दिन पुरानी है फिर भी इसे दिया जा रहा है ताकि पता चल सके महीने, चौमासे, छमाही या सालाना कितने मजदूर विकास की बलि चढ़ रहे हैं पता चल सके-माडरेटर)
रायगढ़, 15 मई :भाषा: छतीसगढ के रायगढ जिले के कोटमार इलाके में स्थित औद्योगिक संयंत्र में कूलिंग फैन के नीचे दबने से एक ऑपरेटर की मौत हो गईं। यह हादसा कल रात साढे दस बजे हुआ, जिसमें 22 वर्षीय सुरेश सिंह राजपूत की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया। बाद में कंपनी द्वारा मुआवजे की रकम देने पर स्थिति सामान्य हो पाई। चक्रधर नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

अधिग्रहण के खिलाफ बैंक आफ राजस्थान के कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी

जयपुर 20 मई :भाषा: बैंक आफ राजस्थान का आईसीआईसीआई बैंक में विलय किए जाने की घोषणा से खफा बैंक आफ राजस्थान की कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन को 14 दिन का नोटिस सौंपते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।आल इंडिया बैंक आफ राजस्थान एंप्लाईज फेडरेशन के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राव ने यहां प्रेट्र को बताया कि राजस्थान में निजी क्षेत्र के सबसे पुराने बैंक का आईसीआईसीआई जैसे बैंक में कैसे विलय किया जा सकता है जिसमें 70 प्रतिशत हिस्सेदारी विदेशी है। उन्होंने कहा कि 14 दिनों की नोटिस की अवधि पूरी होते ही फेडरेशन चरणबद्ध तरीके से दो दिन, तीन दिन और फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगा। विलय की इस पहल का फेडरेशन पुरजोर विरोध करता है। राव ने कहा कि बैंक आफ राजस्थान के 42,000 से अधिक कर्मचारियों का फेडरेशन को खुला समर्थन प्राप्त है।उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने बैंक आफ राजस्थान का अधिग्रहण करने की घोषणा की।

देश में दो लाख 88 हजार 462 बंधुआ श्रमिकों की पहचान

जयपुर, 20 मई :भाषा: केन्द्र सरकार के श्रम कल्याण श्रम एवं रेाजगार मंत्रालय के महानिदेशक अनिल स्वरुप ने कहा कि 31 मार्च तक देश में दो लाख 88 हजार 462 बंधुआ श्रमिकों की पहचान की गई है। स्वरुप ने बताया कि पहचान किए बंधुआ श्रमिकों में से दो लाख 68 हजार 500 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वास कर उन्हें 70 करोड़ रुपए की सहायता उपलबध कराई गई। उन्होंने कहा कि भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 के अन्तर्गत देश के विभिन्न राज्यों में 56 लाख 70 हजार कामगारों का पंजीयन किया जा चुका है, जिन्हें 683.22 करोड रुपए की सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया गया है।राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव श्रम एवं नियोजन मनोहर कांत ने कहा कि प्रदेश में 1976 से 11 हजार 319 बंधुआ मजदूरों की पहचान की गई है। इसमें से नौ हजार 112 मुक्त कराए गए बंधक मजदूरों का पुनर्वास किया गया, जबकि 1467 को अन्य दूसरे राज्य में पुर्नवास हेतु भिजवाया गया। उन्होंने बताया कि बंधुआ मजदूरों के पुर्नवास के लिए मुक्त कराने के तुरंत बाद प्रत्एक श्रमिक को एक हजार रुपए की तात्कालिक सहायता तथा 19 हजार रुपए की पुनर्वास सहायता एवं आवास सुविधा, कृषि भूमि रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का प्रावधान है। कांत ने बताया कि राज्य में बंधक श्रमिक रखने वाले नियोजकों के विरुद्ध 370 चालान पेश किए गए, जिनमें 137 प्रकरण निरस्त, 75 में जुर्माना, 56 प्रकरणों मे सजा दी गई तथा 102 प्रकरणों में दोष मुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम के तहत 50 लाख रुपए उपकर के रुप में प्राप्त किए गए हैं तथा 7 हजार 497 श्रमिकों को लाभांश के रुप में पंजीयन किया गया है।

स्वदेशी काटन मिल अंतिम पड़ाव पर

मऊ, eastern up : जिले की स्वदेशी काटन मिल अदूरदर्शिता के चलते अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। 25 हजार तकुये से प्रतिदिन लाखों का टर्न ओवर करने वाली मिल आज पाई-पाई को मोहताज है। 600 मजदूरों में अधिकतर को जबरन स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति (वीआरएस) दी जा चुकी है। डेढ़ दर्जन अधिकारी व इतने ही कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाने की जुगत लगाई जा रही है। सहादतपुरा स्थित स्वदेशी काटन मिल की स्थापना सन 1966 में सीताराम जयपुरिया ने की थी। 80 के दशक में भारत सरकार ने इसे अधिगृहीत कर एनटीसी के अधीन कर दिया। यह 25 वर्षाें तक मुनाफा कमाती रही, लेकिन इसके बाद घाटे का दौर शुरू हुआ। इसे लेकर मजदूर व प्रबंधन एक दूसरे पर ही दोष मढ़ते रहे। फरवरी 09 में प्रबंधन और मजदूरों के बीच गतिरोध इस कदर बढ़ गया कि शीर्ष नेतृत्व ने मिल पूरी तरह से बंद कर दी। वर्तमान में करीब डेढ़ दर्जन अधिकारियों और इतने ही कर्मचारियों को सरकार ने वीआरएस का नोटिस जारी कर दिया है। 31 मई तक आवेदन न करने वालों की छंटनी हो जायेगी। सरकार से नोटिस मिलने के बाद से सभी सकते में हैं। मिल इंचार्ज एमजे अंसारी का कहना है कि मिल के भविष्य के बारे में शीर्ष प्रबंधन के निर्णय का अनुपालन कराया जायेगा। ठंडे बस्ते में गया मामला : स्वदेशी काटन मिल के भविष्य पर केंद्र में बदली सरकार ने भी गतिरोध का काम किया। केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में टेक्सटाइल्स मिनिस्टर रहे शंकर सिंह बघेला ने मिल को गति देने के लिए इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के अंतर्गत चलाने की योजना बनायी, जिसमें 51 प्रतिशत शेयर एनटीसी और 49 प्रतिशत शेयर पीपीपी का निर्धारित किया गया था। यह योजना मूर्त रूप लेती, इससे पहले लोकसभा चुनाव आ गया। केंद्र में यूपीए की सरकार ने सत्ता संभाली और टेक्सटाइल्स मिनिस्टर बने दयानिधि मारन। यूपीए सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी।

22 व 23 को भूख हड़ताल करेंगे वन कर्मचारी

सोनीपत, 20, may, 2010
वन कर्मचारी संघ की बैठक में वन कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 22 व 23 मई को उपायुक्त कार्यालय पर भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है। यूनियन ने सभी वन कर्मचारियों को भूख हड़ताल में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया है। बृहस्पतिवार को वन कांप्लेक्स में हुई बैठक को संबोधित करते हुए संघ के जिला प्रधान बलजीत सिंह ने कहा कि सरकार का रवैया झूठा है और सरकारी कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ कर रही है। संघ के प्रांतीय सचिव रघुवीर सिंह ने कहा कि सरकार झूठे वायदे करती है। उन्होंने कहा कि हम सभी कर्मचारियों को एकजुट होकर सरकार का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने सरकार से वेतन विसंगति को दूर करने की मांग भी की। इस मौके पर रघुबीर सिंह बूरा, रामनिवास, जयपाल सिंह, जगमेंद्र सिंह, आनंद शर्मा, सुनील कुमार, गरीब राम आदि मौजूद थे।-कृष्ण वशिष्ठ

मेनहोल में दम घुटा, दो मजदूरों की मौत

मुंबई, २० मई
गटर और नालों की सफाई करने वाले सफाईकर्मियों की जिंदगी से खिलवाड़ की घटनाएं आए दिन घटित होती हैं। वृहस्पतिवार को मुंबई मध्य में मेनहोल की सफाई करने के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई और एक घायल हो गया। मध्य मुंबई के एक मेनहोल में ठेके पर काम करने वाले दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। इस संबंध में ठेकेदार को हिरासत में ले लिया गया है। उमाकृष्णन दुरई और पंड्यान थेलुदुरई नाम के दोनों मजदूर सफाई के लिए मेनहोल में घुसे थे। कालाचौकी पुलिस थाने के इंस्पेक्टर आर एल कुलकर्णी ने बताया ''अंदर से कुछ समय तक आवाज नहीं आई, जिसके बाद एक और मजदूर अंदर गया। गैस के कारण वह फौरन बाहर आ गया।ÓÓ दोनों को केईएम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि ठेकेदार को उपेक्षा के कारण हुई मौत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

Wednesday, May 19, 2010

कबाड़ में विस्फोट, महिला की मौत, पांच घायल


वडोदरा, 19 मई :भाषा: कबाड़ में हुए विस्फोट में एक महिला की मौत हो गई है, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। अग्निशमन सूत्रों ने बताया कि विस्फोट शाम को हुआ। उन्होंने बताया कि घायलों को सिविल अस्पताल ले जाया गया। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि मामले की जांच जारी है।

मिट्टी का ढेर गिरने से मथुरा में चार मजदूरों की मृत्यु




मथुरा 19 मई ़भाषा ़ मथुरा जनपद में आज अपराह्रन शहरी क्षेत्र में मिट्टी खोदते समय मिट्टी का ढेर गिरने से दबकर चार मजदूरों की मौके पर मृत्यु हो गई तथा एक गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोविंद नगर थाना क्षेत्र में घनी आबादी के बीच एक ठेकेदार द्वारा मकान के निमार्ण के लिए मजदूरों से टीले की खुदाई कराते समय यह घटना घटी। इस बीच मिट्टी का ढेर गिर जाने से पांच मजदूर दब गऐ जिसमें से केवल एक ही जीवित बच पाया।चार की तक तब तक मृत्यु हो चुकी थी। सभी मजदूर अन्य राज्यों से काम करने के लिए लाए गए थे। इसलिए अभी इनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। ठेकेदार व भूस्वामी फरार हैं।

Tuesday, May 18, 2010

श्रमिक नेता गोपाल मिश्रा व उसकी पत्नी को नहीं मिली जमानत

नई दिल्ली, 18 मई
सीपीआई(माओवादी) संगठन के लिए राजधानी में आर्गेनाइजर के तौर पर काम रहे श्रमिक नेता गोपाल मिश्रा व उनकी पत्नी अनु मिश्रा की जमानत अर्जी को तीस हजारी कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन पर लगे आरोप गंभीर है।कोर्ट ने कहा कि वह एक प्रतिबंधित संगठन सीपीआईएम के सदस्य होने के नाते उन पर गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मामला बनाया गया है। जिसमें उनको मौत तक की सजा हो सकती है। कोर्ट में दायर अर्जी में दंपत्ति ने कहा था कि पुलिस के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है जो उन्हें इस संगठन से जोड़ सके। उनको झूठे मामले में फंसाया गया है क्योंकि गोपाल मिश्रा श्रमिकों के लिए काम करता था। उसके पिता भी मजदूर एक्ता मंच के लिए काम करते थे। मिश्रा ने बताया कि उसने कोलकाता विवि से एमए की पढ़ाई की है और वह वाराणसी के एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता है। वही उसकी पत्नी का कहना था कि वह महिला श्रमिकों के लिए काम करती है और एक एनजीओ चलाती है। इस संगठन से उसका कोई लेना-देना नहीं है। सेल का कहना है कि यह पति-पत्नी सीपीआई के सक्रिय सदस्य है। यह दोनों युवकों को अपने संगठन की तरफ आकर्षित करने का काम करते थे।ं इनके पास से इनकी पार्टी से संबंधित लिटरेचर,सीडी,डीवीडी,नकदी,पेन ड्राईव व अन्य सामान मिला है। दंपत्ति पर कोबाद घंडी समेत कई नक्सलियों से संपर्क रखने का आरोप है। इसी सूचना के आधार शाहदरा के रामनगर इलाके में रहने वाले श्रमिक नेता गोपाल मिश्रा को 26 अप्रैल को व उसकी पत्नी को 27 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया ।

रहीशजादे ने साइकिल से जा रहे मजदूर को रौंदा, मौत

फरीदाबाद.18 मई -होंडा सिटी कार और साइकिल की की टक्कर में एक युवक की मृत्यु हो गई, जबकि एक अन्य सड़क हादसे में ट्रैक्टर की टक्कर से एक किशोर की मौत मृत्यु हो गई। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए हैं।
बिहार के जिला खड़किया के गांव हरिपुर का रहने वाला श्रवण कुमार गांव सिही में किराए पर रहता है। वह मजदूरी करके सोमवार की शाम अपने साथियों के साथ अलग-अलग साइकिलों पर सवार होकर गांव सिही जा रहे थे। जब वह सेक्टर-15-16 चौक से थोड़ा आगे पहुंचे तो सामने से आ रही एक होंडा सिटी कार ने रोंग साइड से श्रवण कुमार के साथी उमेश की साइकिल में टक्कर मारी। इस सड़क हादसे में उमेश की मृत्यु हो गई। इतना ही नहीं होंडा सिटी कार के चालक ने इस हादसे के बाद एक मोटरसाइकिल में टक्कर मार उसके चालक सुशील को भी घायल कर दिया। यह घटना सोमवार की शाम लगभग सात बजे की है। थाना सेंट्रल पुलिस ने अज्ञात कार चालक के खिलाफ तेज गति व लापरवाही से कार चलाकर उमेश की मृत्यु करने का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि सड़क हादसे के बाद चालक मौका पाकर भाग गया, लेकिन कार का नंबर नोट कर लिया गया है। इस कारण चालक को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एक अन्य सड़क हादसे में कृष्णा कालोनी सेक्टर-25 निवासी राज सिंह ने बताया कि उसका 13 वर्षीय बेटा लोकेश अपनी साइकिल चलाता हुआ गली में घूम रहा था कि कृष्णा कालोनी पश्चिम साइड से एक आयशर ट्रैक्टर ने लोकेश की साइकिल में टक्कर मारी। इसके चलते लोकेश की ठोर मौत हो गई।

Monday, May 17, 2010

मजदूर गौरव कोबाल्ट के रेडिएशन का नहीं राजनीति के रेडिएशन का शिकार


यह तस्वीर मायापुरी में कुख्यात कबाड़ बाजार में परमाणु विकिरण के शिकार मजदूर गौरव का है। गौरव यूपी के शाहपुर का निवासी है। काम की तलाश में वह दिल्ली में आया था। यहां काम भी मिला तो मायापुरी के कबाड़ मार्केट में। परमाणु विकिरण के प्रभाव से इसके नाखून नीले पड़ गए हैं। एम्स में इसका इलाज चला और रविवार को उसे छुट्टी दे दी गई। डाक्टरों ने उससे कहा है कि यह जख्म जिंदगी भर नहीं जाने वाला है। बल्कि आगे भी कभी भी कोई भी बीमारी हमला कर सकती है और शरीर पर पड़े दुष्प्रभाव के कारण उसे रोकने की क्षमता कमजोर हो गई है।

ब्लेड में हाथ फंसने से साढ़े चार घंटे तक तड़पता रहा निर्माण मजदूर

(यह खबर एक अखबार के रिपोर्टर ने भेजी थी लेकिन वहां इसे जगह नहीं मिल पाई। -मॉडरेटर)

चार घंटे बाद मिली मदद, हाथ काटकर निकाला गया
सीमेंट डालने वाले मिक्सर प्लांट के दौरान ब्लेड में फंसा हाथ
इंदिरापुरम, एनसीआर ः चारो ओर से बेहतरीन अस्पतालों से घिरे अहिंसा खंड-(द्वितीय) में निर्माणाधीन गौड़ वेलेरियो टावर में सोमवार को सुबह एक निर्माण मजदूर करीब साढ़े चार घंटे तक मिक्सर प्लांट के ब्लेड में हाथ फंसने से तड़पता रहा। लेकिन इमारत बनाने का जिम्मा संभालने वाले ठेकेदार या मालिक ने कोई दया नहीं दिखाई और मजदूर को साढ़े चार घंटे बाद डाक्टरी मदद पहुंच पाई।
बाद में एक अस्पताल से पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों ने श्रमिक के हाथ का पंजा काटकर ब्लेड में फंसे हाथ को निकाल कर उसे मुक्त कराया। श्रमिक को निकट के शांति गोपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के दौरान कई लापरवाही सामने आई।
इंदिरापुरम में दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने (अहिंसा खंड द्वितीय)इन दिनों बहुमंजिला इमारत गौड़ वेलेरियो का निर्माण हो रहा है। निर्माणाधीन बिल्डिंग के निकट ही एक मिक्सर प्लांट लगा हुआ है। सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे मिक्सर प्लांट में सीमेंट डालने के लिए बैठे श्रमिक भगवान दास (25)का हाथ ब्लेड में फंस गया। इस सूचना के बाद सभी ने उसका अपने स्तर से हाथ निकालने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। हाथ का पंजा इतनी बुरी तरह से फंसा था कि कुछ समझ नहीं आया। श्रमिक भगवान दास इस बीच लगातार तड़पता रहा, लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आया। इस दौरान लगातार समय बीतता गया। हाथ फंसने की सूचना के बाद इंदिरापुरम पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन वह भी समस्या का समाधान नहीं करासकीं। अंत में थक हार कर निकट के शांति गोपाल अस्पताल से स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाया गया। उन्होंने श्रमिक को नशे का इंजेक्शन देकर उसका पंजा काटा, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में करीब साढ़े चार घंटे लग गए। भगवान दास का हाथ करीब साढ़े दस बजे ब्लेड में फंसा था और ढाई बजे उसको मुक्त कराया गया। मामले की कोई शिकायत इंदिरापुरम थाने में नहीं कराई गई है।

मजदूरों की हालत का आईना है भगदड़


१-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर तेरह पर हुई भगदड़ में घायल महिला सुमित्रा देवी जिसने इस भगदड़ में पचास हजार रूपये, व बेटी की शादी के गहने व अन्य सामान भी गंवा दिया।



२-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर तेरह पर हुई भगदड़ के बाद पंद्रह नम्बर प्लेट फार्म पर संपूर्ण क्रांति ए'क्सप्रेस में खिड़की से चढने की कोशिश करते लोग। यह कोई नया नजारा नहीं है। जनरल बोगी में प्रवासी मजदूर ऐसे ही लदकर आते हैं और ऐसे ही जाने को मजबूर होते हैं।
३-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रविवार को प्लेटफार्म नम्बर तेरह पर मची भगदड़ के बाद चौदह नंबर प्लेट फार्म पर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन पकडऩे वालें यात्रियों की भीड़। प्रशासन फिर भी कहीं नजर नहीं आया।
आप ट्रेन पकड़ने जाएं तो एक बार जनरल बोगी की ओर जरूर झांक लें। अगर आपकी ट्रेन बिहार-उत्तर प्रदेश से आने वाली या वहां जाने वाली है तो निश्चित ही जनरल बोगी के सामने लंबी कतार देखने को मिलेगी। इस कतार में करीब-करीब वे मजदूर होते हैं जो या तो काम की खोज में शहर की ओर जा रहे होते हैं या कमा कर घर की ओर लौट रहे होते हैं। इस लंबी लाइन में उन्हें बस इतनी उम्मीद होती है कि बैठने की या खड़े होने की जगह मिल जाए। वे टायलेट तक में बैठकर जाने की मन्नतें करते नजर आएंगे। हो सकता है कि आपको आश्चर्य हो कि पूरी ट्रेन में जहां एसी की आधा दर्जन के करीब और सेकेंड क्लास की दर्जन भर से ज्यादा बोगी लगी होती है, जनरल बोगी एक आगे होती है और एक पीछे। इसमें भी एक बोगी का आधा हिस्सा देश के जाबांज जवानों द्वारा कब्जा लिया जाता है। यानी सैकडों यात्रियों के लिए डेढ़ बोगी का इंतजाम।
लोकतंत्र में अंतिम आदमी के लिए यही अंतिम बची है। और इनमें भी जो सबसे अंतिम होते हैं उन्हें पायदान पर एक पैर अड़ाए अपने घर पहुंचने की उम्मीद होती है। यह हाल है उन लोगों का जिनपर देश की मशीनरी चलाने का पूरा जिम्मा है। ऐसे में दोष किसका है यह सोचने की जरूरत है।