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अनुशासनहीनता बर्दाश्त
नहीं की जाएगी
प्रबंधन को खुल्ली छूट, कुछ भी करो
(एक समाचार टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार को हूबहू यहां दिया जा रहा है।-मॉडरेटर)
नई दिल्ली, एजेंसी : नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि एयर इंडिया में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और उन्होंने प्रबंधन को हाल में हुई हड़ताल जैसे व्यवधानों से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी है।पटेल ने एक समाचार चैनल के लिए करण थापर को दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'मैंने प्रबंधन को यह स्पष्ट कर दिया था कि आपको पूरी आजादी है और इन हालात में जो कुछ जरूरी है, वह आपको करना चाहिए। इस (हड़ताल) तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।Óयह पूछे जाने पर कि क्या हड़ताल पर जाने के लिए और कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाएगा, उन्होंने कहा 'अगर उन्हें (एयर लाइन प्रबंधन को) लगता है तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।Ó एयर लाइन प्रबंधन ने दो यूनियनों की मान्यता खत्म करने और यूनियन नेताओं को बर्खास्त करने का फैसला किया है। इस बारे में सरकार की दूरी बनाए रखते हुए पटेल ने कहा कि फैसला करना प्रबंधन का जिम्मा है।उन्होंने कहा कि एयर इंडिया और इंडियन एयर लाइंस का विलय एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है और अंदर से ही इसका विरोध किया गया तथा ऐसे सुनियोजित प्रयास किए गए ताकि यह विलय सफल न हो। इसके लिए कुछ यूनियनें भी जिम्मेदार हैं।नागरिक उड्डयन मंत्री ने माना कि विलय में विलंब हुआ है लेकिन उन्होंने कहा कि विलय एक दिन में होने वाली प्रक्रिया नहीं है। प्रक्रिया में तीन से पांच साल लगते हैं। यह कहना गलत है कि इसमें अंदरूनी कारणों या पुरानी समस्याओं के कारण विलंब हुआ।पटेल ने कहा, 'विलंब हुआ। इस पर संगठन को काम करना था, लेकिन मुझे अब भी लगता है कि अगर लोग इसे अंजाम नहीं देते तो दीर्घकालिक तौर पर उन्हें नुकसान होगा।Ó उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की सभी समस्याओं के लिए विलय को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।पटेल ने कहा कि समस्याओं का कारण विलय नहीं है, अन्य समस्याएं हैं। संगठन में दो हिस्से हैं ़ ़ एक है घरेलू परिचालन का जो पूर्व में इंडियन एयरलाइंस था और दूसरा एअर इंडिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मूल तौर पर सब कुछ गलत था। पूरा ढांचा बनाने में समय लगेगा।उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि विलय के बारे मेंं विचार मैंने किया। विलय की चर्चा मंत्रिमंडल में जेआरडी टाटा के दिनों से चल रही थी। प्रयोग हुए लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार यह हो गया।Óपटेल ने जेट एयरवेज-एअर सहारा, एअर डेक्कन-किंगफिशर और अमेरिका में इंटरनेशनल कांटीनेंटल तथा यूनाइटेड एयरलाइन्स के विलय का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विलय लाभकारी रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या एयर इंडिया को पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता, और कब इसे बंद कर दिया जाना चाहिए, पटेल ने कहा, 'यह फैसला मैं नहीं कर सकता। यह एक बड़ा मामला है और इस पर फैसला सरकार करेगी। ऐसा मत कहिए कि एअर इंडिया में कुछ भी ठीक नहीं है।Ó उन्होंने कहा, 'आप एक बड़ा मुद्दा उठा रहे हैं कि क्या सरकार को एयरलाइंस का संचालन करना चाहिए या नहीं। सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र की एयरलाइंस के संचालन में अंतर है।Óपटेल से पूछा गया कि सरकार इसके निजीकरण के लिए और इसे पेशेवर हाथों में सौंपने के लिए क्यों तैयार नहीं है। इस पर उन्होंने कहा कि पहले ऐसे प्रयास हुए हैं। राजग के शासनकाल में, जब कोशिश की गई तो उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसलिए इसका निजीकरण नहीं हो पाया।इस सवाल पर कि क्या एयर एंडिया के नए सीओओ गुस्ताव बाल्दौफ को पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी या उनके कामकाज में हस्तक्षेप होगा, पटेल ने कहा, 'बिल्कुल नहीं। उन्हें पूरी स्वतंत्रता होगी। आज तक वहां पूरी आजादी है।Ó