18 जुलाई 2012 से ही गुड़गांव के मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में मज़दूरों की किसी भी बड़ी सभा या रैली की इजाज़त नहीं है. लेकिन 23 मार्च 2017 को हज़ारों की तादाद में मज़दूर अपनी अपनी फ़ैक्ट्रियों में शिफ़्ट ख़त्म होने के बाद घर की बजाय आईएमटी चौक की ओर चल पड़े. मज़दूरों का तांता देख पुलिस भी पीछे हटी, हालांकि पुलिस ने पहले इसकी इजाज़त देने से इनकार किया था.
भगत सिंह और उनके साथियों के शहादत दिवस, 23 मार्च के अवसर पर मारूति के पूर्व कर्मचारियों के समर्थन में करीब 5000 मज़दूरों ने IMT मानेसर के ताऊ देवीलाल पार्क में हुई जनसभा में हिस्सा लिया।
मारुति के 13 पूर्व कर्मचारियों को अदालत द्वारा उम्रकैद दिए जाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ नीमराणा से लेकर गुड़गांव तक के मज़दूर अपनी यूनियनों के साथ जिस जोश और ऊर्जा के साथ इस रैली और सभा में शामिल हुए वो इस औद्योगिक क्षेत्र में सामूहिक पहल की नयी इबारत लिखता है।
इस जुलूस को रोकने के लिए मानेसर पुलिस ने इलाके में 26 तारीख़ तक धारा 144 लगा दी थी, जिसे तोड़ते हुए मजदूरों ने ये रैली की। प्रशासन ने इलाक़े में भारी पुलिस बल तैनात कर रखा था।
जुलूस से लेकर सभा तक करीब 40 से ज्यादा यूनियनें शामिल हुईं। आगामी 4 अप्रैल को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा हुई। इसके अलावा जेल में बंद साथियों और उनके परिवार की आर्थिक मदद की भी पहल ली गयी।
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