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वर्तमान मजदूरी- 1622 टका सरकार राजी- 3000 टका, मजदूरों की मांग-5000 टका की
बुधवार, जुलाई 28
आखिर बांग्लादेश के कपड़ा फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों ने वेतन बढोत्तरी की जंग जीत ली है। हालांकि यह अभी यह आंशिक ही सफलता कही जाएगी क्योंकि ट्रेड यूनियनों ने पांच हजार टका की मांग रखी थी जबकि सरकार तीन हजार देने पर राजी हुई है। इससे पहले उन्हें बमुश्किल डेढ़ से दो हजार टका न्यूनतम मजदूरी मिलती थी।
बांग्लादेश में अधिकारियों ने कहा है कि कपड़ा फ़ैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन दोगुना किया जाएगा। वेतन को लेकर कर्मचारी पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और ये विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो गया था.पहले मज़दूरों को हर महीने 1622 टका (25 डॉलर) मिलते थे पर अब ये राशि बढ़कर तीन हज़ार हो जाएगी। बेहतर वेतन और काम करने के हालात को लेकर मज़दूरों और पुलिस के बीच कई बार झड़पे हुई हैं। पिछले महीने विरोध प्रदर्शन के बाद करीब 250 कपड़ा फ़ैक्ट्रियाँ बंद कर दी गई थीं।
कर्मचारी चाहते थे कि वेतन पाँच हज़ार टका कर दिया जाए। आख़िरी बार तनख़्वाह 2006 में बढ़ाई गई थी। कई विदेशी ब्रैंड बांग्लादेश से बनकर आए कपड़े बेचते हैं जैसे वॉलमार्ट, टेस्को, एच एंड एम, मार्क्स एंड स्पेंसर और ज़ारा। कपड़ा उद्योग को बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। देश के कुल नियार्त से होने वाली 80 फ़ीसदी कमाई इसी उद्योग से आती है।
विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेशी कपड़ा उद्योग पर ये आरोप लगाए गए थे कि फ़ैक्ट्रियों में मज़दूरों का शोषण होता है। इसके बाद कई विदेशी कंपनियों ने बांग्लादेश सरकार से कहा था कि वो मज़दूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाए। सरकारी अधिकारियों, यूनियन नेताओं और उद्योग से जुड़े लोग वेतन बढ़ाने पर कुछ समय से बातचीत कर रहे थे। न्यूनतम वेतन सरकारी बोर्ड के प्रमुख ने एएफ़पी को बताया है कि न्यूनतम वेतन तीन हज़ार टका होगा जिसमें मेडिकल और हाउसिंग भत्ता शामिल है। एक यूनियन अधिकारी ने बताया है कि ये प्रस्ताव मान लिया गया है हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि सभी यूनियन इसे मानेंगी या नहीं। इससे करीब 25 लाख मज़दूर प्रभावित होंगे।
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