गुरदासपुर, 31 जुलाई
जीवनदान के लिए तरस रही धारीवाल की न्यू इस्टर्न वूलन मिल व लाल इमली कानपुर के लिए बुधवार का दिन शुभ रहा। बोर्ड फॉर दी रिकंस्ट्रक्शन ऑफ दी पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज ने इन मिलों की पुनर्जीवन योजनाको मंजूर कर लिया है। इससे पहले भी दोनों मिलों को जीवनदान मिला था जिससे कोई फायदा नहीं हुआ। अब फिर से दोनों मिलों को जीवनदान मिला है। जानकारी के अनुसार बीआईसी की तरफ से भेजे प्लान में 315 करोड़ रुपये की मांग की गई है। यह राशि कर्ज के जरिए जुटाई जाएगी। प्लान के तहत 100 करोड़ से भी अधिक राशि मिलों की जमीन बेच कर इकट्ठा की जानी थी, लेकिन अब जमीन बेचने की जरूरत नहीं होगी। मिलों के लिए नई मशीनरी खरीदने, नई भर्ती करने के साथ ही कच्चा माल खरीदने के लिए राशि रखी गई है। रिवाइवल प्लान से दोनों मिलों में मौजूद 2500 के करीब स्टाफ को फायदा मिलेगा। सभी स्टाफ को वेतन, पीएफ सहित सभी अदायगी करने की भी बात कही गई है। इतना ही नहीं, वीआरएस की भी व्यवस्था रखी गई है। धारीवाल मिल के करीब 970 मुलाजिमों का, जो वेतन की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे थे, संघर्ष खत्म हो गया। इन मुलाजिमों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला था। धारीवाल मिल सहित गुरदासपुर निवासियों के लिए इस रिवाइवल का विशेष महत्त्व है। इस पिछड़े जिले में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है। रिवाइवल में नई भर्ती से क्षेत्रवासियों को काफी फायदा मिलेगा। इस संबंध में धारीवाल मिल के जीएम पीके शर्मा ने बताया कि रिवाइवल प्लान वास्तव में मिल व क्षेत्र के लिए सरसाइवल है। रिवाइवल से क्षेत्र में बेरोजगारी दूर होगी, क्योंकि इसमें नई भर्ती का भी प्रावधान है। मिल में अब ऊनी कपड़ा ही नहीं सूती, फायर प्रूफ व वूलन सिल्क टेक्स्ट फाइबर भी तैयार किया जाएगा, जिसकी मांग बहुत ज्यादा है। कर्जे की वापसी संबंधी पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तैयार कपड़ा बेच कर होने वाले मुनाफे से इसे उतार दिया जाएगा। मिल के पास बहुत सारी सरप्लस जमीन पड़ी है। जरूरत पड़ने पर इसे बेच दिया जाएगा।
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