Tuesday, August 3, 2010

४५ दिन कर्मचारी जा सकेंगे श्रम न्यायालय

कर्मचारी को श्रम न्यायालय तक पहुंच के प्रावधान वाले विधेयक को रास की मंजूरी
नई दिल्ली, ३ अगस्त

संसद की स्थाई समिति की सिफारिश को मानते हुए सरकार ने इस विधेयक में यह प्रावधान किया है कि कर्मचारी अपने मामले को सुलह प्रक्रिया में भेजे जाने के 45 दिन बाद अपने मामले को श्रम अदालत या न्यायाधिकरण में ले जा सकता है। मौजूदा कानून के तहत इसकी अवधि तीन माह है। औद्योगिक संस्थान में कार्यरत किसी कर्मचारी की बर्खास्तगी, पदावनति, छंटनी या सेवा समाप्त किए जाने की स्थिति में कर्मचारी को सीधे श्रम न्यायालय या न्यायाधिकरण में जाने का अधिकार देने के प्रावधान वाले एक विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा ने मंजूरी दे दी।
श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने 'औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2009' पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बीस या इससे अधिक कर्मचारियों वाले औद्योगिक संस्थान में शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना किए जाने का प्रस्ताव भी है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।
इससे पूर्व खरगे ने कहा कि विधेयक में सुपरवाइजर की वेतन सीमा को 1600 रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों का सुझाव था कि इस सीमा को बढ़ाकर 25 हजार रू कर दिया जाना चाहिए।

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