पहली सितम्बर की शाम को मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र के मुख्यद्वार पर इस फैक्टरी के संघर्षरत मजदूरों के समर्थन में एक जोरदार प्रदर्शन हुआ जिसमें मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र के मजदूरों के अलावा उसके गुडगाँव फैक्टरी और सुजुकी पवारट्रेन, मानेसर और गुडगाँव, मानेसर, धरुहेरा बेल्ट के विभिन्न कारखानों के सैकड़ों मजदूर, ट्रेड यूनियनों के नेता और कार्यकर्ता, हरियाणा और दिल्ली से आये हुए विभिन्न संगठनों के अनेक कार्यकर्ता, छात्र और बुद्धिजीवी शामिल हुए। मुख्यद्वार पर शाम 4 बजे आरम्भ होकर देर शाम तक चलती रही।
सभा में वक्ताओ ने एक स्वर से मारुति सुजुकी इण्डिया के प्रबन्ध तन्त्र के दमनकारी और तानाशाहना रवैये की कटु आलोचना की और वर्त्तमान संकट के लिए उसे ही पूरी तरह जिम्मेवार ठहराया। वक्ताओ ने मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र के मजदूरों के कानून और संविधान सम्मत अधिकारों को स्वीकार न करने और गतिरोध पैदा करने के लिए जहाँ मारुति प्रबंधन की भर्सना की वहीँ हरियाणा और केंद्र सरकार को उनकी मिली भगत और मजदूर विरोधी रवैये के लिए आलोचना का निशाना बनाया। मारुति ग्रुप के कारखानों के मजदूरों के अलावा एचएमएसआइ, हीरो होंडा, ऍफ़ सी सी रिको, रिको ऑटो धरुहेरा, रिको ऑटो मानेसर, ओमाक्स, लुमेक्स, सोना स्टीरिंग और इस औद्योगिक पट्टी अनेक कारखानों के मजदूरों और उनके प्रतिनिधियों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया और सभा में अपने विचार रखे।
विभिन्न स्थानीय फैक्टरी आधारित स्वतन्त्र यूनियनों के प्रतिनिधियों के अलावा एआइटीयूसी, एचएमएस, सीआइटीयू, आइएनटीयूसी, एनटीयूआइ और एआइसीसीटीयू जैसे केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने संघर्षरत मजदूरों के साथ आपनी एकजुटता का इजहार किया और इस आन्दोलन को और व्यापक बनाने जाने की आवश्यकता पर बल दिया और इस दिशा पुरजोर प्रयास करने का आश्वासन दिया।
प्रस्तुत है प्रदर्शन के कुछ चित्र :
बाल श्रम,आत्महत्याएं,औद्योगिक दुर्घटनाएं
23 मार्च
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