आयुर्वेद विभाग में बहाली की मांग पर चल रहा आंदोलन
देहरादून, 15 जून
कर्मचारियों में हताशा का भाव पैदा होने से आत्महत्या की धमकी देने जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले स्टार पेपर मिल के बर्खास्त कर्मचारी के चिमनी पर चढ़ने की घटना पुरानी भी नहीं हुई थी कि मंगलवार को आयुर्वेद विभाग में बहाली की मांग पर डटे कर्मचारियों ने अल्टीमेटम के अनुरूप आत्मघाती कदम उठा लिया। मंगलवार को एक कर्मचारी अंबीवाला गुरुद्वारे के निकट मोबाइल टावर पर चढ़ गया। दिनभर कर्मचारी को मनाकर उतारने के प्रयास चलते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। देर शाम शासन के साथ वार्ता भी विफल रही। एसएसपी अभिनव कुमार ने उक्त कर्मचारी पर मुकदमा दर्ज करने व मोबाइल टावर मालिक को नोटिस भेजने का आदेश दिया है।
आयुर्वेद विभाग से निकाले गए के लगभग 150 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का धैर्य जवाब देने लगा है। करीब दो सप्ताह से ज्यादा समय से शास्त्रीनगर स्थित आयुर्वेद निदेशालय पर भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के तेवर आक्रामक होने लगे हैं। मंगलवार को पौ फटने से पहले ही निलंबित कर्मचारी रतन सिंह रावत नेहरू कालोनी के निकट अंबीवाला गुरुद्वारे के निकट मोबाइल टावर पर चढ़ गया। पुलिसकर्मियों को पता चला कि रतन सिंह अपने साथ मिट्टी तेल भी ले गया तो चिंता और बढ़ गई। आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक देवेंद्र चमोली रतन सिंह से वार्ता भी विफल रही। देर शाम तक वह टावर पर चढ़ा हुआ था। विभाग व शासन की ओर से कर्मचारियों के मामले में अपनाए जा रहे रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए मौके पर अन्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
निलंबित कर्मचारी व संगठन के अध्यक्ष विजय सिंह, जसपाल राणा, मनोज चंदोला और देवेन्द्र सिंह के अनुसार उन लोगों को प्रमुख सचिव से वार्ता कराने की बात कहकर बुलाया गया था, जबकि वार्ता अपर सचिव चंद्र सिंह से कराई गई। शासन के रुख से कर्मचारी संतुष्ट नहीं है और आंदोलन जारी रहेगा।
बाल श्रम,आत्महत्याएं,औद्योगिक दुर्घटनाएं
23 मार्च
export garment
gorakhpur mahdoor sangharsh
labour
pf
अंतरराष्ट्रीय
अदालत
आईएमटी चौक
आजीवन कारावास
आत्महत्याएं
एक्सपोर्ट गार्मेंट
ऑटो उद्योग
औद्योगिक दुर्घटना
कर्मचारी
कामगार
कार्यक्रम
खेतिहर मजदूर
गुड़गांव
चीन
जनसभा
जेल
तालाबंदी
दमन
पीएफ
फिल्म
फैसला
बंधुआ मजदूर
बहस मुहाबसा
बाल श्रम
भारतीय
मजदूर
मज़दूर
मजदूर अधिकार
मजदूर आक्रोश
मजदूर मौतें
मजदूर विजय
मजदूर हत्याएं
मजदूरी
मानेरसर
मानेसर
मारुति
मारुति संघर्ष
मौत
यूनियन
रिफाइनरी
श्रम
श्रम कानून
सज़ा
सिंगापुर
सेज
हड़ताल
सरकारें और प्रशासनिक अफसर सम्वेदनहीन हैं...
ReplyDeleteआप मजदूरनामा के माध्यम से अच्छा काम कर रहे हैं।
ReplyDeletehttp://lekhakmanch.com/