Thursday, May 20, 2010

देश में दो लाख 88 हजार 462 बंधुआ श्रमिकों की पहचान

जयपुर, 20 मई :भाषा: केन्द्र सरकार के श्रम कल्याण श्रम एवं रेाजगार मंत्रालय के महानिदेशक अनिल स्वरुप ने कहा कि 31 मार्च तक देश में दो लाख 88 हजार 462 बंधुआ श्रमिकों की पहचान की गई है। स्वरुप ने बताया कि पहचान किए बंधुआ श्रमिकों में से दो लाख 68 हजार 500 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वास कर उन्हें 70 करोड़ रुपए की सहायता उपलबध कराई गई। उन्होंने कहा कि भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 के अन्तर्गत देश के विभिन्न राज्यों में 56 लाख 70 हजार कामगारों का पंजीयन किया जा चुका है, जिन्हें 683.22 करोड रुपए की सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया गया है।राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव श्रम एवं नियोजन मनोहर कांत ने कहा कि प्रदेश में 1976 से 11 हजार 319 बंधुआ मजदूरों की पहचान की गई है। इसमें से नौ हजार 112 मुक्त कराए गए बंधक मजदूरों का पुनर्वास किया गया, जबकि 1467 को अन्य दूसरे राज्य में पुर्नवास हेतु भिजवाया गया। उन्होंने बताया कि बंधुआ मजदूरों के पुर्नवास के लिए मुक्त कराने के तुरंत बाद प्रत्एक श्रमिक को एक हजार रुपए की तात्कालिक सहायता तथा 19 हजार रुपए की पुनर्वास सहायता एवं आवास सुविधा, कृषि भूमि रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का प्रावधान है। कांत ने बताया कि राज्य में बंधक श्रमिक रखने वाले नियोजकों के विरुद्ध 370 चालान पेश किए गए, जिनमें 137 प्रकरण निरस्त, 75 में जुर्माना, 56 प्रकरणों मे सजा दी गई तथा 102 प्रकरणों में दोष मुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम के तहत 50 लाख रुपए उपकर के रुप में प्राप्त किए गए हैं तथा 7 हजार 497 श्रमिकों को लाभांश के रुप में पंजीयन किया गया है।

No comments:

Post a Comment