Monday, May 17, 2010

ब्लेड में हाथ फंसने से साढ़े चार घंटे तक तड़पता रहा निर्माण मजदूर

(यह खबर एक अखबार के रिपोर्टर ने भेजी थी लेकिन वहां इसे जगह नहीं मिल पाई। -मॉडरेटर)

चार घंटे बाद मिली मदद, हाथ काटकर निकाला गया
सीमेंट डालने वाले मिक्सर प्लांट के दौरान ब्लेड में फंसा हाथ
इंदिरापुरम, एनसीआर ः चारो ओर से बेहतरीन अस्पतालों से घिरे अहिंसा खंड-(द्वितीय) में निर्माणाधीन गौड़ वेलेरियो टावर में सोमवार को सुबह एक निर्माण मजदूर करीब साढ़े चार घंटे तक मिक्सर प्लांट के ब्लेड में हाथ फंसने से तड़पता रहा। लेकिन इमारत बनाने का जिम्मा संभालने वाले ठेकेदार या मालिक ने कोई दया नहीं दिखाई और मजदूर को साढ़े चार घंटे बाद डाक्टरी मदद पहुंच पाई।
बाद में एक अस्पताल से पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों ने श्रमिक के हाथ का पंजा काटकर ब्लेड में फंसे हाथ को निकाल कर उसे मुक्त कराया। श्रमिक को निकट के शांति गोपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के दौरान कई लापरवाही सामने आई।
इंदिरापुरम में दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने (अहिंसा खंड द्वितीय)इन दिनों बहुमंजिला इमारत गौड़ वेलेरियो का निर्माण हो रहा है। निर्माणाधीन बिल्डिंग के निकट ही एक मिक्सर प्लांट लगा हुआ है। सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे मिक्सर प्लांट में सीमेंट डालने के लिए बैठे श्रमिक भगवान दास (25)का हाथ ब्लेड में फंस गया। इस सूचना के बाद सभी ने उसका अपने स्तर से हाथ निकालने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। हाथ का पंजा इतनी बुरी तरह से फंसा था कि कुछ समझ नहीं आया। श्रमिक भगवान दास इस बीच लगातार तड़पता रहा, लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आया। इस दौरान लगातार समय बीतता गया। हाथ फंसने की सूचना के बाद इंदिरापुरम पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन वह भी समस्या का समाधान नहीं करासकीं। अंत में थक हार कर निकट के शांति गोपाल अस्पताल से स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाया गया। उन्होंने श्रमिक को नशे का इंजेक्शन देकर उसका पंजा काटा, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में करीब साढ़े चार घंटे लग गए। भगवान दास का हाथ करीब साढ़े दस बजे ब्लेड में फंसा था और ढाई बजे उसको मुक्त कराया गया। मामले की कोई शिकायत इंदिरापुरम थाने में नहीं कराई गई है।

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