Monday, June 28, 2010

दस कर्मियों वाले संस्थानों भी लागू होगी ईपीएफ स्कीम

कर्मचारी भविष्य निधिधारकों के लिए जल्द जारी होंगी यूनिक आइडेंटीटी (विशेष पहचान पत्र)

मुआवजे निपटारे की 30 दिन की समय सीमा कम करने पर विचार

शिमला,26 जून

देश में वे सभी सार्वजनिक व व्यापारिक प्रतिष्ठान कर्मचारी भविष्य निधि योजना (ईपीएफ स्कीम) के अंतर्गत लाए जाएंगे, जिनमें दस व इससे ज्यादा कामगार कार्यरत हैं। कर्मचारी भविष्य निधि धारकों के लिए जल्द यूनिक आइडेंटीटी जारी की जाएगी, ताकि एक संस्थान छोडऩे के बाद अन्यत्र भी उसे यह सुविधा मिलती रहे।
सरकार उन कर्मचारी भविष्य निधिधारकों को सचेत करना चाहती है, जिनकी इस योजना के अंतर्गत राशि जमा है व जिनको कोई अता-पता नहीं है। किसी अप्रिय घटना की स्थिति में कामगारों को मिलने वाले मुआवजे के मामले को 30 दिन के भीतर निपटाने की अवधि को भी कम किया जाएगा। इसके अलावा कारपोरेट क्षेत्र में कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा कामगारों को लाया जाएगा।
इन सभी योजनाओं व सामाजिक सुरक्षा योजना के सभी कार्यक्रमों का सरकार सरलीकरण करेगी। केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति ने यह सुझाव केंद्र सरकार को दिए हैं। केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में हुई संसदीय सलाहाकार समिति की समीक्षा बैठक में इन सभी मुद्दों पर विचार हुआ।
हरीश रावत ने समिति को भरोसा दिया कि सरकार इस पर अमल करेगी। वर्तमान में देश में छह लाख प्रतिष्ठान हैं, जिनमें छह करोड़ 87 लाख कर्मचारी भविष्य निधिधारक हैं।
इसके लिए ब्याज की दर वर्तमान में साढ़े आठ फीसद हैं जो कि देश में बैंकिंग प्रतिष्ठानों, डाकघर व अन्य किसी भी क्षेत्र में मिलने वाले ब्याज की दरों से कहीं ज्यादा हैं। केंद्र का कर्मचारी भविष्य निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाली ब्याज की दर में बढ़ोतरी करने का कोई विचार नहीं है। रावत ने कहा कि इसके अलावा समिति ने डिपोजिट लिंक इंश्योरेंस स्कीम के तहत मौजूदा राशि को 65 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक करने की भी सिफारिश की है।
रावत ने बताया कि 2001 की जनगणना के मुताबिक देश में बाल श्रमिकों की संख्या एक करोड़ 26 लाख थी जोकि 2005 के सर्वेक्षण में कम होकर मात्र 79 लाख रह गई है।

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