चंडीगढ़, 2 जुलाई
केंद्र सरकार गरीबों को लॉलीपाप देने जा रही है। अब उसके अगले निशाने पर रिक्शा चालक, रेहड़ी वाले, कचरा बीनने वाले लोग हैं। उम्मीद है नरेगा की तहत इसमें भी खुलकर लालफीताशाही चलेगी।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई अपनी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ आटो रिक्शा चालकों, रिक्शा चालकों, रेहड़ीवालों और कचरा बीनने वालों को भी देने पर विचार कर रही है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ चरणबद्ध तरीके से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कुछ तबकों को भी देने का प्रयास कर रही है। इस स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है।
इस बीमा योजना पर राष्ट्रीय कार्यशाला से इतर संवाददाताओं से बातचीत में मंत्री ने कहा कि सरकार आरएसबीवाई का लाभ चार श्रेणियों के लोगों को देने को उत्सुक हैं। इनमें आटो रिक्शा चालक, रिक्शा चालक, रेहड़ी वाले और कचरा चुनने वाले लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने एक कार्यबल का गठन किया है ताकि इस बात को तय किया जा सके कि कैसे इन चार श्रेणियों को शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारा अंतरविभागीय कार्यबल तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने पहले ही इस योजना का लाभ मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों और भवन निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों को देने का फैसला किया है।
खडग़े ने कहा, ''एक कार्यबल ने 45 लाख घरेलू श्रमिकों को आरएसबीवाई में शामिल करने की अनुशंसा की है। उसके प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शीघ्र की मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा।ÓÓ
आरएसबीवाई के तहत 22 राज्यों के 1.66 करोड़ परिवारों को पहले ही इसके दायरे में लिया जा चुका है।
इस योजना के लाभ पाने वाले व्यक्ति 4500 से अधिक अस्पतालों में बीमारी होने पर भर्ती किए जाने पर अस्पताल में लगे खर्चे के तौर पर 30 हजार रुपया पाने के हकदार हैं। इस बीमा की प्रीमियम राशि को केंद्र और राज्य सरकारें क्रमश: 75 और 25 फीसदी वहन करेंगी।
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23 मार्च
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