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23 मार्च
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Tuesday, June 29, 2010
टाटा स्टील में ठेका श्रमिकों का गुस्सा फूटा
कई गाड़यां आग के हवाले कीं
लंबे समय से पनप रहा था गुस्सा, ठेका मजदूर को निकालने का मामला
जमशेदपुर,28 जून
टाटा स्टील के एक ठेका मजदूर की कंपनी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा मामूली बात पर पिटाई किए जाने से सोमवार को ठेका मजदूरों में गुस्से की लहर दोड़ गई। ठेका मजदूरों ने जब सुरक्षाकर्मियों के इस कृत्य का विरोध किया तो उन पर लाठियां भाजी गईं जिससे गुस्साए मजदूरों ने डेढ़ दर्जन गाडियों को आग के हवाले कर दिया। कंपनी का साकची एल टाउन गेट घंटे भर के लिए ठेका मजदूरों व सुरक्षा जवानों के बीच जंग का मैदान बना रहा। सुरक्षा बलों द्वारा बल प्रयोग से आक्रोशित मजदूरों का धैर्य और टूट गया और उन्होंने कई सुरक्षाकर्मियों की पिटाई कर दी। पुलिस ने एक दर्जन से अधिक ठेका मजदूरों को हिरासत में लिया है। साकची गेट पर रैफ की तैनाती कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, टाटा स्टील के एल टाऊन गेट पर सोमवार को सुबह आठ बजे के करीब ठेकाकर्मियों की कंपनी के भीतर घुसने के लिए लिए रोजाना की तरह लंबी कतार लगी थी। इसी बीच एलएंडटी नामक ठेका कंपनी के एक कर्मचारी के गेटपास इंट्री के समय रेड सिग्नल आ गया। इसपर वहां तैनात कंपनी के गार्ड ने उसे रोक दिया और अंदर जाने पर रोक लगा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इस बात को लेकर ठेकाकर्मियों और सुरक्षा गार्डों में तू-तू मैं मैं होने लगी। इसी बीच उस कर्मचारी को गार्ड समरेश सिंह ने थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद लाइन में लगे ठेकाकर्मियों ने विद्रोह कर दिया और गार्डों की जमकर धुनाई कर दी।
बताया जाता है कि ठेका श्रमिकों पर गार्डों द्वारा अक्सर ही मामूली बातों पर हमला किया जाता रहा है। यह आक्रोश बहुत पहले से ही पनप रहा था। सोमवार को हुई घटना ने चिंगारी का काम किया।
मौके पर पुलिस के पहुंचने पर उग्र ठेकाकर्मियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। आखिर पुलिस को मौके से भागना पड़ा। भीड़ ने बिष्टुपुर व साकची थाने की जीप को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा गेट के बाहर और भीरत खड़े कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। ठेका कर्मियों को काबू करने के लिए पहुंचे डीएसपी, पीसीआर डीएसपी, सिटी डीएसपी, सिटी एसपी आदि को उलटे पांव पीछे हटना पड़ा।
कुछ समय बाद दलबल के साथ पहुंचे एसएसपी पर भी ठेका मजदूरों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर दी। इससे पुलिस गेट तक पहुंच गई। यहां जो भी ठेकाकर्मचारी पकड़ा गया, उसकी जमकर लाठियों से पिटाई की गई। एक दर्जन से अधिक ठेका मजदूरों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
उधर कंपनी प्रबंधन का कहना है कि यह घटना कुछ लोगों के कंपनी में जबरन घुसने की वजह से हुई। टाटा स्टील के हेड (कारपोरेट अफेयर्स एंड कम्युनिकेशन) प्रभात शर्मा द्वारा जारी सूचना के अनुसार, कंपनी में नियमित गेट पास चेकिंग के दौरान कुछ ठेका श्रमिक कंपनी में जबरन घुसना चाह रहे थे। इस घटना को जिला प्रशासन व पुलिस ने अपनी तत्परता से तत्काल नियंत्रित कर लिया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और कंपनी में सामान्य ढंग से उत्पादन हो रहा है।
कंपनी ने पिछले एक दशक में बड़े पैमाने पर स्थायी मजदूरों की छंटनी और वीआरएस देकर ठेका मजदूरों से काम करवाना शुरू कर दिया है। इसकी बड़ी वजह ठेका मजदूरों का सस्ता होना है। चूंकी ठेका मजदूरों को कभी भी कंपनी से चलता कर दिया जाता है इसलिए उनमें काफी गुस्सा भरा हुआ है। उनके साथ केवल मजदूरी में ही दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं होता है बल्कि कंपनी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों द्वारा बुरा बर्ताव किया जाता है। हालांकि ठेका मजदूर संगठित नहीं हैं लेकिन फिर भी वे समय समय पर अपना प्रतिरोध दर्ज कराते रहते हैं।
चक्का जाम
मजदूर आक्रोश
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