Friday, July 16, 2010

कब बात होगी देश में औद्योगिक सुरक्षा मानकों की





मुंबई में गैस लीक के बाद कड़े कानून पर विचार
मुंबई, 15 जुलाई


मुंबई में बुधवार (14जुलाई) सुबह क्लोरीन गैस लीक होने से औद्योगिक इलाकों में सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाए जाने की घटना सामने आ गई है। देश में हर महीने गैस रिसाव के कारण मजदूरों और आस पास के लोगों के बीमार होने या उनकी मौत होने की खबर आती है। लेकिन बुधवार को देश की आर्थिक राजधानी में जब यह घटना हुई तो सरकार का इस पर ध्यान गया और इसके खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने का विचार होने लगा है। लेकिन लाखों मजदूर जिन असुरक्षित परिस्थितियों में काम करने पर मजबूर हैं उनपर सरकार कोई ध्यान नहीं देने जा रही है।
जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार घातक पदार्थो के रखरखाव और उनसे होने वाले नुकसान से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने पर विचार कर रही है।
दक्षिण-मध्य मुंबई में हुई गैस रिसाव की इस घटना से 100 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। यहां तक कि घटनास्थल पर स्थिति संभालने पहुंचे दमकल विभाग के कर्मचारी भी गैस के प्रभाव से बच नहीं सके क्योंकि वहां भी सुरक्षा के मानक नहीं लागू होते हैं, उनके पास उचित मास्क नहीं थे। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्क्रैप यार्ड में 141 सिलेंडर 1997 से ही लावारिस पड़े हैं। इन्हीं में से एक में बुधवार को रिसाव हुआ। कस्टम विभाग द्वारा किसी समय पकड़े गए इन सिलेंडरों की मिल्कियत के बारे में अब एमपीटी के अधिकारी भी नहीं जानते।
उद्योगों में काम आने वाले इस प्रकार के आयातित पदार्थ अक्सर मुंबई के बंदरगाहों पर उतरते रहते हैं। लेकिन, राज्य सरकार के अधिकारी यह भी मानते हैं कि मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के हाथ से निकलने के बाद जिन औद्योगिक इकाइयों में ऐसे खतरनाक पदार्थो का उपयोग होता है, वहां भी इनसे सुरक्षा के बहुत पुख्ता उपाय फिलहाल मौजूद नहीं हैं।

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