Friday, July 16, 2010

महंगाई के खिलाफ ट्रेडयूनियनों की देशव्यापी हड़ताल

प्रमुख ट्रेड यूनियनें 7 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल करेंगी
केंद्र सरकार के कर्मचारी संघ भी सात सिंतबर की हड़ताल के समर्थन में
नई दिल्ली 16 जुलाई

कांग्रेस समर्थित इंटक और वामपंथी समेत नौ प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने महंगाई और केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 7 सितंबर को हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है। इंटक, एआईटीयूसी, हिंद मजदूर सभा, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी और एलपीएफ के संयुक्त सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई। इन संगठनों के नेताओं और सदस्यों ने हिस्सा लिया।
7 सितंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में केंद्र सरकार कर्मचारी संघ भी उतर आया। केंद्र सरकार कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार कर्मचारियों की पहली अनिश्चितकालीन हड़ताल की 50 वीं बरसी पर आज यहां बैठक की। केंद्र सरकार कर्मचारियों ने 12जुलाई, 1960 को पहली अनिश्चित कालीन हड़ताल की थी।
आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने यहां बताया, 'हम हड़ताल को संभव बनाने वाले अपने कामरेडों के साहसिक प्रयासों को नहीं भुला सकते। Ó उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने पहली हड़ताल तब की थी जब केंद्र सरकार ने पहले वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर मंहगाई भत्ता के भुगतान करने और जनमत के जरिए यूनियन को मान्यता देने से इनकार कर दिया था।
भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ :बीएमएस: ने सम्मेलन का बहिष्कार किया। एआईटीयूसी के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, '' भारत के इतिहास में पहली बार इंटक सहित सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियने एक साथ हैं। हम महंगाई, छंटनी, कम मजदूरी भुगतान, गरीबी और सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ एक दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं।ÓÓ
उन्होंने कहा, '' देश में कर्मचारियों की यह अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल होगी।ÓÓ उल्लेखनीय है कि इससे पहले, 5 जुलाई को प्रमुख विपक्षी दलों द्वारा पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बढ़ाए जाने के खिलाफ हड़ताल की गई जिससे देश में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था।

भारतीय मजदूर संघ को नहीं फरक
नई दिल्ली 15 जुलाई
भारतीय मजदूर संघ ने आज कहा कि उसने केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की बैठक का बहिष्कार किया है और 7 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल के आह्वान से अपने को अलग रखने का निर्णय किया है क्योंकि हड़ताल की तिथि तय करने पर कोई पारस्परिक सहमति नहीं बनी।
बीएमएस ने हालांकि साफ किया कि वह भी सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध करता है और उसने 25 अगस्त से देशभर में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है।
बीएमएस के अध्यक्ष गिरीश अवस्थी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम बैठक में शामिल नहीं हुए और हमने 7 सितंबर की हड़ताल में शामिल नहीं होने का निर्णय किया है।Ó
उन्होंने कहा, 'एआईटीयूसी के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता एवं संयुक्त मंच के अन्य ट्रेड यूनियन नेताओं ने हड़ताल की तिथि बदलने का हमारा अनुरोध स्वीकार करने से इनकार कर दिया।Ó
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भारतीय मजदूर संघ के सदस्यों की 4 सितंबर से एक तीन दिवसीय बैठक होनी है इसलिए हमने हड़ताल की तिथि आगे बढ़ाकर नवंबर में किसी समय रखने का अनुरोध किया था।

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