Sunday, July 18, 2010

चंद ईंटों से सस्ती है भारत में मजदूरों की जान


कुएं में दबे मजदूर को निकालने की कवायद जारी
आगरा 17 जुलाई, एजेंसी


मजदूरों की जिंदगी भारत में कितनी सस्ती है उसकी बानगी है यह खबर। यहां ईंटों को निकालने के लिए मजदूरों को लगा दिया। वह भी उस कुएं में जो बेहद जर्जर हो गया था और उसके धंसने का भय पैदा हो गया था। ईंटों के कुएं में दफन होने के डर से ठाकुर ने मजदूरों को उन्हें बाहर निकालने के लिए लगा दिया।
आगरा के बरहन गांव में ईंट हटाते समय एक कुंए में दबे दो मजदूरों को निकालने के लिए खुदाई जारी है।
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार से शनिवार दोपहर तक लगभग 50-55 फीट खुदाई हो चुकी थी लेकिन दोपहर बाद मिट्टी की एक ढेर पुन: गडे में पलट गई है। मजदूरों के जीवित होने के संबंध पर तो कुछ नही कहा जा सकता परन्तु एक बार फिर खुदाई प्रारम्भ कर मजदूरों को निकालने के प्रयास किए जा रहे है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को बरहन गांव में भूरी सिंह नामक व्यक्ति के पुराने कुएं में पडी ईटों को पांच श्रमिक बाहर निकाल रहे थे। तभी उसमें नीचे काम कर रहे दो मजदूरों के उपर मिट्टी की ढाक गिर गई और दोनों मजदूर उसमें दब गए। हालांकि पुलिस ने अभी ठाकुर पर कोई मुकदमा दायर नहीं किया है।

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