झांसी।। झांसी में पारीछा थर्मल पावर प्लांट में तैयार हो रही एक यूनिट की चिमनी गिरने से 5 मजदूरों की मौत हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि 100 से अधिक मजदूर अभी भी चिमनी के नीचे दबे हैं। हादसा दोपहर को हुआ लेकिन अभी तक मलबा हटाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। परीछा में थर्मल पावर प्लांट की 250- 250 मेगावाट की दो यूनिटों में काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि कंस्ट्रक्शन साइट पर दोपहर के भोजन के समय मजदूर धूप से बचने के लिए चिमनी की छांव में बैठकर खाना खा रहे थे कि अचानक चिमनी उनके ऊपर गिर पड़ी। चिमनी की ऊंचाई लगभग 263 फिट थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चिमनी के नीचे दबकर 5 मजदूरों की मौत हो गई और सौ से ज्यादा मजदूरों के दबे होने की आशंका है।
हादसे की जानकारी मिलते ही डीएम झांसी, एसएसपी सहित थर्मल पावर प्लांट के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। शाम को ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय और ऊर्जा सचिव नवनीत सहगल विशेष हेलिकॉप्टर से पावर प्लांट पहुंचे। उन्होंने तेजी से राहत कार्य किए जाने के निर्देश भी दिए। दुर्घटना के साढ़े तीन घंटे बाद भी राहत कार्य शुरू न होने की वजह से पावर प्लांट के मजूदरों में जबर्दस्त आक्रोश है और उन्होंने खुद से ही मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। प्लांट के मजदूर संगठनों ने आरोप लगाया कि चिमनी बनाने में घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई थी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री ने अपने निरीक्षण में चिमनी के निर्माण में मानक का ध्यान न रखे जाने पर आपत्ति जताई थी।
हादसे की जानकारी मिलते ही डीएम झांसी, एसएसपी सहित थर्मल पावर प्लांट के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। शाम को ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय और ऊर्जा सचिव नवनीत सहगल विशेष हेलिकॉप्टर से पावर प्लांट पहुंचे। उन्होंने तेजी से राहत कार्य किए जाने के निर्देश भी दिए। दुर्घटना के साढ़े तीन घंटे बाद भी राहत कार्य शुरू न होने की वजह से पावर प्लांट के मजूदरों में जबर्दस्त आक्रोश है और उन्होंने खुद से ही मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। प्लांट के मजदूर संगठनों ने आरोप लगाया कि चिमनी बनाने में घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई थी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री ने अपने निरीक्षण में चिमनी के निर्माण में मानक का ध्यान न रखे जाने पर आपत्ति जताई थी।
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