Wednesday, May 26, 2010

मुंबई मिलों का हश्र सिटी आफ गोल्ड जैसा, एनटीसी मिलों की जमीन बेचेगी

नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन की मुंबई में 9 मिले हैं, दो मिलों की जमीन (10.5 एकड़ ) की कीमत 1,000 करोड़ रुपये
नई दिल्ली, 25 मई (भाषा)ः अंततः मुंबई में मिलों के बारे में महेश मांजरेकर की फिल्म -सिटी आफ गोल्ड- में दिखाए गए दुखांत नाटक का क्लाइमेक्स नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन (एनटीसी) अभिनीत करने जा रहा है। एनटीसी की मुंंबई में अपनी मिलों की 10.5 एकड़ भूमि बेचने की योजना है। कंपनी इस बारे में टेंडर शीघ्र ही जारी करेगी। एनटीसी के अध्यक्ष के रामचंद्रन पिल्लई ने पीटीआई को बताया कि हम मुंबई में दो मिलों की भूमि बेचने के लिए टेंडर जारी करेंगे। आरक्षित मूल्य 1,000 करोड़ रुपए तय किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुंबई में एनटीसी की नौ मिले हैं।फैक्ट्री मालिकों के लिए आल टाइम पसंदीदा काम तालाबंदी होती है क्योंकि जबतक बेतहाशा मुनाफा होता है तबतक फैक्ट्री चलती है और उसके कुछ सालों के बाद उनके मुनाफे से भी कई गुना जब जमीन की कीमत हो जाती है तो उस पर कई बहाने से ताला लटकाने की कोशिश होती है। जिस फैक्ट्री को मजदूरों ने खड़ा किया उसे मालिकान भारी मुनाफे में बेचकर निकल लेते हैं। और न तो मजदूरों का बकाया मिलता है न मुआवजा। यही है श्रम नीतियों में लचीलापन। फैक्ट्री मालिकों के हित के सारे सरअंजाम संविधान में भी मौजूद है।

1 comment:

  1. bahut achchhi shuruaat hai. aaj majdoor tabko ki khabren avval to kahi aati nahi, agar bhoole bhatke kabhi aayee bhee to majdoor virodhi tabko ke angle se likhee hoti hai. yah blog ek badi jaroorat poori kr raha hai. aapka abhinandan. haan yah bataiye ki ise khabron tk seemit rakhne ka iraada hai ya isme analysis bhee dena chahenge?

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