Friday, May 28, 2010

चीन के फैक्ट्री मजदूर कर रहे हैं आत्महत्या


चीन में इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनी के अब तक 9 तनावग्रस्त कर्मचारी कर चुके हैं आत्महत्या


क्लिफोर्ड कूनन, बीजिंग-दक्षिण चीन के शेनजेन में रहने वाले मा जीशान, फॉक्सकान कंपनी के सामने पत्नी और बेटी के साथ अपने मृत बेटे मा शियांगकियान की मौत का सच जानने बैठे हैं। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं। शियांगकियान फॉक्सकान में काम करता था। उसने हाल ही में आत्महत्या कर ली। जीशान और उनके परिवार के आंसू नहीं सूख रहे, लेकिन कंपनी के अधिकारियों को कोई परवाह नहीं। पिछले कुछ हफ्तों में फॉक्सकान में काम करने वाले 11 लोगों ने आत्महत्या की कोशिश की। जिसमें से 9 लोगों की इहलीला समाप्त हो गई।फॉक्सकान में तीन लाख लोग काम करते हैैं। इस कंपनी में आईफोन और आईपैड के अलावा नोकिया, सोनी, एचपी और डेल सरीखी नामी-गिरामी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाए जाते हैं। फॉक्सकान के कर्मचारियों द्वारा लगातार आत्महत्या करने के चलते स्थानीय मीडिया कंपनी की बखिया उधेडऩे में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा है। हाल ही में करीब 200 मीडियाकर्मियों ने सच जानने के लिए फॉक्सकान का जायजा लिया। वहीं, फॉक्सकान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टैरी गुओ ने भी अपनी रणनीति बना रखी थी। टैरी ने पत्रकारों को अच्छी लगने वाली चीजें, कर्मचारियों के आराम करने की जगह (डोरमैट्री), वर्कशॉप, स्टाफ केयर सेंटर और स्वीमिंग पूल दिखाया। टैरी ने तो यहां तक सफाई दी कि उनके कर्मचारियों के आत्महत्या करने से उनकी रातों की नींद उड़ चुकी है। टैरी ने पत्रकारों को वर्कशॉप में ले जाकर कर्मचारियों से भी मिलवाया और उनसे पूछा कि क्या आप यहां काम करके खुश हैं? सभी ने एक सुर में उत्तर दिया, हां। कंपनी के सबसे बड़े अधिकारी के सामने कर्मचारी जो बोल सकते थे, उन्होंने वही कहा। लेकिन सचाई कुछ और थी।ये है सच... : हुनान और हुबेई प्रांतों की कई महिला कर्मचारियों ने शिन्हुआ न्यूज एजेंसी को अपनी आपबीती सुनाई। रोजाना सुबह के साढ़े सात बजे से रात के साढ़े सात (12 घंटे) काम करने के उन्हें महज 92 डॉलर (करीब 4,279 रुपये) मिलते हैं। काम की इतनी व्यस्तता होती है कि बात करना भी दूभर हो जाता है।एक कर्मचारी के मुताबिक 'फॉक्सकान में काम करना काफी थकाऊ है। वहां अकसर रात में काम करना होता है और हर महीने सौ शिफ्ट अतिरिक्त हो जाती है। यह बात अलग है कि हमें उसके पैसे मिलते हैं लेकिन आराम रंच मात्र भी नहीं। काम के बोझ के चलते दो साल के बाद मैंने वह कंपनी छोड़ दी।Ó फॉक्सकान में लोगों को मानसिक परेशानियों से निजात दिलाने के लिए 70 मनोवैज्ञानिक हैैं। लेकिन जब दर्द हद से बढ़ जाए, तो कोई क्या करे। (द इंडिपेंडेंट से साभार)

1 comment:

  1. अभी आने वाले दो चार वर्षों में स्थिति और भयानक होने वाली है ,क्योकि आम लोगों के पास से पैसा सिर्फ भ्रष्ट मंत्रियों के हाथों में जा रहा है ,जिससे उनकी क्रय शक्ति खत्म होती जा रही है /

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