Wednesday, May 26, 2010

७२ बाल मजदूर छुड़ा राहत गृहों में डाल दिया, एक और सजा

नई दिल्ली,एजेंसी २८ अप्रैल मध्य दिल्ली के नबी करीम इलाके से ७२ बाल मजदूरों को छुड़ाया गया। ये सभी यहां एक थैला बनाने की इकाई में काम कर रहे थे। इन बच्चों से मजदूरी करवाने वाले आठ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस के अनुसार सभी बाल मजदूर बिहार से लाए गए थे।दिल्ली पुलिस, श्रम विभाग के अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं हयूमन राइट लॉ नेटवर्क और बचपन बचाओ आंदोलन ने संयुक्त रूप से यह अभियान चला कर बच्चों को मुक्त कराया। हयूमन राइट लॉ नेटवर्क के एक प्रतिनिधि के अनुसार सभी बच्चों को राहत गृहों में भेज दिया गया है।

बेकरी फैक्ट्रियों से १६ बाल मजदूर छुडाए गए
नई दिल्ली, एजेंसी, ३ मईनमकीन बनाने वाली एक प्रमुख कंपनी की दिल्ली स्थित बिस्कुट बनाने वाली बेकरी से १६ बाल मजदूरों को मुक्त कराने के साथ ही फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। बचपन बचाओ आंदोलन से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबा जी ब्रांड से नमकीन बनाने वाली कंपनी की बेकरी यूनिट में बाल मजदूरों से १८-१८ घंटे काम कराया जाता था और सप्ताह भर की मजदूरी के लिए केवल २० रुपए दिए जाते थे।बाल श्रमिकों को छुड़ाने का अभियान दिल्ली पुलिस और सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कांडावाल और बचपन बचाओ आंदोलन के तत्वावधान में किया गया। छापे के दौरान बेकरी से मिले बिस्कुट और रस्व्य के पैक्ट अमरीका के वर्जीनिया और कई खाडी देशों में निर्यात के लिए तैयार किए गए थे।छुडाए मजदूर मुख्यत बिहार के थे। इनमें से एक ११ वर्षीय असलम ने बताया कि वह पिछले आठ महीने से इस बेकरी में काम कर रहा था। आंदोलन के अध्यक्ष रमाशंकर चौरसिया ने बताया कि इन बेकरी इकाईयों में करीब ३०० मजदूर काम करते हैं। मजदूरों को दिल्ली सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जाती और न ही अधिक समय तक काम करने के लिए ओवर टाइम। चौरसिया ने कहा कि छापामार कार्रवाई के दौरान कम से कम ७० बाल मजदूरों को भगा दिया गया।एसडीएम अजय कुमार ने बताया कि फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। छुडाए गए बच्चों को २० हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का आश्वासन िमला है।

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