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23 मार्च
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Friday, July 9, 2010
निर्माण क्षेत्र में एक करोड़ श्रमिकों की कमी फिर भी मजदूरी नहीं बढ़ी
निर्माण गतिविधियों में प्रतिदिन 3.30 करोड़ कुशल और अकुशल कामगारों की जरूरतनई
दिल्ली, 9 जुलाई
निर्माण गतिविधियों में तेजी आने के साथ ही यह क्षेत्र फिलहाल एक करोड़ श्रमिकों की कमी झेल रहा है। भू-संपत्ति कारोबार क्षेत्र के संगठन 'कन्फेडरेशन आफ रीएल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएसन आफ इंडिया -क्रेडाई- का कहना है यदि यही स्थिति रही तो अगले दशक में स्थिति और गंभीर हो जाएगी, जब श्रमिकों की मांग तीन गुना तक बढ़ जाएगी।
क्रेडाई के अध्यक्ष संतोष रूंगटा ने बताया कि निर्माण गतिविधियों में प्रतिदिन 3.30 करोड़ कुशल और अकुशल कामगारों की जरूरत होती है। इसमें करीब 30 प्रतिशत तक की कमी है। हम इसके लिए जरूरी कदम उठाने जा रहे हैं ताकि अगले दशक में श्रमिकों की कमी न झेलनी पड़े।
कृषि क्षेत्र में आय बढऩे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और बडी संख्या में खाड़ी देशों में श्रमिकों के पलायन से निर्माण क्षेत्र में राजमिस्त्री, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य निपुण श्रमिकों की कमी हो गई है।
रूंगटा ने कहा कि रीयल एस्टेट को इस चुनौती को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस कमी को दूर करने के लिए उद्योग को आधुनिक तकनीक को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नवीन प्रौद्योगिकी ही आज की जरुरत है, हम तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, विकसित देशों में डेवलपर्स जिस आधुनिक तकनीक को अपना रहे हैं उसपर हमें गौर करना चाहिए।
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यह आदिम पूंजी संचय का नियम है
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