सात महीने से वेतन न मिलने पर सफाई कर्मचारियों ने किया था प्रदर्शन
पश्चिमी दिल्ली, 7 जुलाई
निगम उपायुक्त कार्यालय के बाहर वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार सभी 14 सफाईकर्मियों को महानगर दंडाधिकारी ने जमानत दे दी। वहीं प्रदर्शन 0में घायल पुलिस और आम जनता की मेडिकल रिपोर्ट में भी सामान्य चोटें आई हैं।
गौरतलब है कि 3 जून को 7 माह से वेतन न मिलने पर नजफगढ़ स्थित उपायुक्त कार्यालय के बाहर सफाईकर्मियों ने जम कर बवाल मचाया था। इस दौरान लो फ्लोर बस और पुलिस जिप्सी में भी आग लगा दी गई थी। साथ ही सफाईकर्मियों द्वारा किए गए पथराव में कई पुलिसकर्मी और आम लोग घायल हुए थे। इस पर पुलिस ने दंगा करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, जान से मारने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया था। साथ ही दस पुरुष और चार महिला सफाईकर्मियों को गिरफ्तार कर द्वारका कोर्ट में पेश किया था। एक दिन न्यायिक हिरासत में रखने के बाद महानगर दंडाधिकारी ने चार महिलाओं को अंतरिम जमानत दे दी थी, जबकि पुरुष सफाईकर्मी न्यायिक हिरासत में चल रहे थे।
सोमवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए महानगर दंडाधिकारी एन के लाका ने सभी चौदह सफाईकर्मियों को जमानत दे दी। सफाईकर्मियों की ओर से पेश वकील अवनीश राणा और वाईपी सिरोही ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों और जनता की मेडिकल रिपोर्ट न आने के चलते जमानत पर सुनवाई नहीं हो पा रही थी। बुधवार को मेडिकल रिपोर्ट महानगर दंडाधिकारी के समझ पेश कर दी गई। रिपोर्ट में सभी घायलों की चोटें सामान्य बताई गई हैं, जिसके चलते महानगर दंडाधिकारी ने सभी को जमानत दे दी है। वकील राणा ने आरोप लगाया कि सफाई कर्मियों को फंसाने के लिए पुलिस पर हमला दिखाया गया था।
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Wednesday, July 7, 2010
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