बाल श्रम,आत्महत्याएं,औद्योगिक दुर्घटनाएं
23 मार्च
export garment
gorakhpur mahdoor sangharsh
labour
pf
अंतरराष्ट्रीय
अदालत
आईएमटी चौक
आजीवन कारावास
आत्महत्याएं
एक्सपोर्ट गार्मेंट
ऑटो उद्योग
औद्योगिक दुर्घटना
कर्मचारी
कामगार
कार्यक्रम
खेतिहर मजदूर
गुड़गांव
चीन
जनसभा
जेल
तालाबंदी
दमन
पीएफ
फिल्म
फैसला
बंधुआ मजदूर
बहस मुहाबसा
बाल श्रम
भारतीय
मजदूर
मज़दूर
मजदूर अधिकार
मजदूर आक्रोश
मजदूर मौतें
मजदूर विजय
मजदूर हत्याएं
मजदूरी
मानेरसर
मानेसर
मारुति
मारुति संघर्ष
मौत
यूनियन
रिफाइनरी
श्रम
श्रम कानून
सज़ा
सिंगापुर
सेज
हड़ताल
Saturday, July 10, 2010
देश को निवेशकों का बनाना है ठिकाना, न्यायिक सुधार तो है बहाना
-व्यावसायिक अदालत विधेयक जल्द ही अधिनियम हो जाएगा। : मोइली
-व्यावसायिक अदालतों को होगा एक साल में मामले को निपटाने का अधिकार
लंदन,10 जुलाई
कानूनी सुधारों को तेजी से लागू कर रहे भारत की नजर विदेशी निवेशकों पर लगी है। व्यावसायिक अदालतों को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य भी यही है। भारत के केंद्रीय कानून मंत्री ने शनिवार को कहा कि सरकार दूसरी पीढ़ी के कानूनी सुधार करने की तैयारी में है जिससे मुकदमे में होने वाली देरी समाप्त होगी। मोइली, ब्रिटेन के विधि मंत्री जस्टिस केनेथ क्लार्क के न्यौते पर ब्रिटेन की यात्रा पर आए हैं। वह निवेशकों को विश्वास दिलाने में लगे हैं कि निवेशकों को भारतीय कानून व्यवस्था से भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
भारतीय शासक वर्ग को आवाम की तकलीफ की फिक्र ने कानून सुधारों के लिए मजबूर होने की बात सोचना मासूमियत होगी। असल में वे सुधार भी कर रहे हैं तो मालिकों की तकलीफ को कम करने के लिए। ताकि वे धन लगाने और बाहर ले जाने की मनमर्जी में को बखूबी अंजाम दे सकें।
मोइली ने लंदन में पत्रकारों से कहा कि सरकार न्याय की नियामक व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करेगी और संस्थाओं की आजादी में दखल दिए बिना न्यायपालिका के सुचारु काम काज के लिए एक निगरानी व्यवस्था लाने को इच्छुक है। उन्होंने कहा, 'न्याय दिलाने में तेजी के लिए और उत्कृष्ट केंद्र स्थापित करने को पहले चरण में हमने राष्ट्रीय विधि स्कूलों की स्थापना की। दूसरे चरण में हम दूसरी पीढ़ी के विधिक सुधार लाना चाहते हैं। भारत में कानूनी कार्यवाही में 15 वर्ष से भी अधिक समय लगते हैं। सरकार इन्हें कम करके तीन वर्ष से भी कम समय में निपटारा करना चाहती है।Ó
उन्होंने कहा कि विधि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाकर और देश को निवेशकों का पसंदीदा स्थान बनाएगी। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालतों की स्थापना करके देश को निवेशकों का पसंदीदा ठिकाना बनाया जाएगा। इन अदालतों को एक साल के भीतर किसी भी मामले का निपटारा करने का अधिकार होगा।
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक अदालत विधेयक जल्द ही अधिनियम हो जाएगा। इससे मध्यस्थता के माध्यम से मुकदमों का तेजी से निपटारे का मार्ग प्रशस्त होगा। लोकसभा ने इस विधेयक को पारित कर दिया है और अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच करोड़ रुपये से अधिक के किसी भी निवेश का फैसला व्यावसायिक अदालत एक साल के भीतर करेंगी।Ó उन्होंने कहा कि भारत सरकार की पहली प्राथमिकता विधिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार और देश भर के 933 विधि महाविद्यालयों में पाठ्य सामग्री को उन्नत बनाने की है।
मोइली ने कहा, 'भारत में 10 लाख से अधिक वकील हैं। हम विधि कालेजों के शिक्षकों के अध्यापन व्यवस्था को फिर से तैयार करने और इसे विश्व स्तर का बनाने की आकांक्षा रखते हैं। सरकार की दूसरी प्राथमिकता उत्कृष्टता के केंद्रों को मजबूत करने और उनका विस्तार करने की है। हम एक से अधिक राष्ट्रीय विधि स्कूल स्थापना करना चाहते हैं जो पूरे देश के हर राज्य एक-एक में हो।Ó
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment