नई दिल्ली, 7 जुलाई
मई महीने में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड़ मामले का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को नोटिस जारी करते हुए उनसे रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने इन्हें चार हफ्तों का समय देते हुए इनसे पीडि़त परिवार के लोगों को दिए मुआवजा संबंधी जानकारी मांगी है। उल्लेखनीय है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के गर्मी में घर वापसी के कारण भीड़ बढ़ गई थी जिसके कारण भगदड़ मच गई। अक्सर ही गर्मी में उत्तर प्रदेश और बिहार में शादियां होती हैं क्योंकि किसान गेहूं की फसल काट चुके होते हैं। ऐसे में मजदूरी कर रहे एनसीआर की एक बड़ी आबादी अपने घरों को रवाना होती है।
आयोग ने इस मामले का संज्ञान मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील प्रबीर कुमार दास के द्वारा दायर की गई एक शिकायत याचिका पर लिया है। दास ने अपनी शिकायत में यह आरोप लगाया है कि रेलवे के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह दुर्घटना हुई। दास ने इस मामले में आयोग से हस्तक्षेप कर जांच करने और जांच में दोषी पाए गए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
गौरतलब है कि 16 मई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टे्रनों के प्लेटफार्म में अंतिम समय पर अदला-बदली करने से हुई इस दुर्घटना में दो यात्रियों की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे।
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Wednesday, July 7, 2010
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